ध्वनि की परिभाषा क्या है? ध्वनि का मात्रक क्या है?

आज हम जानेंगे ध्वनि से सम्बंधित महत्पूर्ण तथ्य जैसे - ध्वनि की परिभाषा क्या है? ध्वनि क्या है इन हिंदी?, श्रव्य ध्वनि क्या है, मनुष्य कितनी ध्वनि सुन सकता है?, ध्वनि की गति क्या है?, ध्वनि का मात्रक क्या है?, ध्वनि संचरण के सिद्धांत क्या है?, तरंग क्या है? इत्यादि की परिभाषा क्या होती है तो चलिए सुरु करते है.

ध्वनि की परिभाषा क्या है? ध्वनि का मात्रक क्या है?

ध्वनि की परिभाषा क्या है? 

ध्वनि (Sound) एक प्रकार का कम्पन या विक्षोभ है जो किसी ठोस, द्रव या गैस से होकर संचारित होती है। किन्तु मुख्य रूप से उन कम्पनों को ही ध्वनि कहते हैं जो मानव के कान से सुनायी पडती हैं ध्वनि एक प्रकार की अनुदैय तरंगे होती है. 

ध्वनि का मात्रक क्या है? 

ध्वनि ऊर्जा का दूसरा रूप है जो तरंगों के रूप में या तो तरल, वायु या ठोस पदार्थों के माध्यम से यात्रा करता है। चूंकि इस ऊर्जा को मापा जा सकता है, इसलिए उपयोग की जाने वाली ध्वनि की सबसे सामान्य SI इकाई डेसीबल है जिसे dB के रूप में संक्षिप्त किया गया है ।

ध्वनि की गति क्या है? 

किसी माध्यम की घनत्व जितना ही जादा होता ध्वनी की गति उस पदार्थ म उतनी ही ज्यादा होती हैं। यहाँ पर घनत्व के घटते क्रम दिए गये है. 
ठोस >द्रव >गैस. 

ध्वनि संचरण के सिद्धांत क्या है? 

श्रोत से ध्वनि का हमारी कानों तक पहुँचना ध्वनि का संचरण कहलाता है। अर्थात ध्वनि के एक जगह से दूसरी जगह पहुँचने को ध्वनि का संचरण कहा जाता है।
ध्वनि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थान्तरण के लीये माध्यम की आवश्कता पड़ती है जैसे -ठोस, द्रव, गैस आदि अर्थात ध्वनि निर्वात में यात्रा नहीं करती !

तरंग क्या है? 

तरंग एक प्रकार का विक्षोभ है जिसको एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है. माध्यम के कण निकटवर्ती कणों में गति उत्पन्न कर देते हैं। ये कण इसी प्रकार की गति अन्य कणों में उत्पन्न कर देते हैं। माध्यम के कण स्वयं आगे नहीं बढ़ता है बल्कि माध्यम के कणों के द्वारा केवल विक्षोभ आगे बढ़ जाता है।जैसे नदी में उत्पन्न तरंगे, स्प्रिंग में उत्पन्न तरंगे 

तरंग कितने प्रकार के होते है? 

तरंग को  दो भागो में बांटा गया है. 
1) यांत्रिक तरंगे 
2) अयांत्रिक तरंगे 

1) यांत्रिक तरंगे 

वे तरंगे जिसको संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है उन्हें यांत्रिक तरंगे कहते है ये दो प्रकार की होती है पहले को अनुप्रस्त तरंगे तथा दूसरे को अनुदर्र्द तरंगे कहते है !जैसे - ठोस, द्रव, गैस में उत्पन्न तरंगे 

अनुप्रस्त. तरंगे 

वे तरंगें जिनमें माध्यम के कण अपनी माध्य स्थितियों पर तरंग के गति की दिशा के लम्बबत गति करते हैं, अनुप्रस्थ तरंग कहलाते है जैसे -ठोस व द्रव की सतह पर उत्पन्न तरंग 

अनुदैर्ध्य तरंग

वे तरंग जिसमें माध्यम के कणों का विस्थापन संचरण की दिशा के समांतर होता है, अनुदैर्ध्य तरंग कहलाते है. 

2) अयांत्रिक तरंगे 

वे तरंगे जिनको संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्कता नहीं होती अयांत्रिक तरंगे कहलाती है जैसे -रेडियो तरंगे 

आवृति के आधार पर ध्वनि को तीन भागो में बाटा गया है 

अश्रव्य तरंग (infrasonic wave )

वे तरंगे जिनकी आवृति 0 से 20 हर्ट्ज होती है अश्रव्य तरंगे कहलाती है इसे मनुष्य नही सुन पाते 

श्रव्य तरंग (audible wave )

वे तरंगे जिनकी आवृति 20 से 20, 000 हर्ट्ज होती है उन्हें श्रव्य तरंगे कहते है. 

पराश्रव्य तरंग (ultrasonic wave )

वे तरंगे जिनकी आवृति 20, 000 हर्ट्ज से ज्यादा होती है उन्हें पराश्रव्य तरंगे कहते है. 

मनुष्य कितनी ध्वनि सुन सकता है?

मनुष्य वैसे तो 180 डेसीबल तक आवाज सुन सकता है लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से मनुष्य के लिए 85 डेसीबल तक आवाज निर्धारित है. 
उम्मीद करता हुँ की ये जानकारी आपको पसंद आयी होंगी धन्यवाद. 

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