Physics question of electrecity in hindi

Physics question of electrecity in hindi part-1


नमस्कार स्टूडेंट उम्मीद करता हु की आप लोगो की तयारी अच्छी चल रही होगी ,इसी तयारी को और स्मार्ट बनाने के लिए मै लेकर आया हु ￰महत्वपूर्ण "physics question in hindi" जो किसी न किसी एग्जाम में आये हुए हैं.लगभग हर एक्साम में physics ke question आते है , आप लोगों को पता ही होगा की किसी भी exame में physics question कितने महत्वपूर्ण होते है इसी को ध्यान में रखकर मैंने physics ke impartent question लेकर आया हूं, तो चलिए सुरु करते हैं.

विद्युत धारा

विद्युत आवेश के गति या प्रवाह में होने पर उसे विद्युत धारा (इलेक्ट्रिक करेण्ट) कहते हैं। इसकी SI इकाई एम्पीयर है। एक कूलम्ब प्रति सेकेण्ड की दर से प्रवाहित विद्युत आवेश को एक एम्पीयर धारा कहेंगे।

विभवान्तर

एकांक आवेश द्वारा चालक के एक सिरे से दूसरे सिरे तक प्रवाहित होने में किए गए कार्य को ही दोनों सिरों के मध्य विभवांतर कहते हैं। 
v = w/q (जहाँ v= विभवांतर, w= कार्य व q = प्रवाहित आवेश है। 
विभवांतर का मात्रक वोल्ट है।

कूलॉम का नियम


कूलाम के अनुसार दो स्थिर आवेशों के बीच लगने वाला बल, उनकी मात्राओं के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती व उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

विद्युत क्षेत्र की तीव्रता


वैद्युत क्षेत्र में परीक्षण आवेश पर लगने वाले बल तथा स्वयं परीक्षण आवेश के अनुपात को किसी बिंदु पर क्षेत्र की तीव्रता कहते हैं। यदि परीक्षण आवेश का मान ह्नश व इस पर लगने वाला बल स्न हो तो वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता- E=F / Q0

खोखले चालक के भीतर वैद्युत क्षेत्र

किसी खोखले आवेशित चालक के भीतर वैद्युत क्षेत्र शून्य होता है तथा इसको दिया गया सम्पूर्ण आवेश, इसके बाहरी पृष्ठï पर ही संचित रहता है। 

संधारित्र

संधारित्र में समान आकार की दो प्लेटें होती हैं, जिन पर बराबर व विपरीत आवेश संचित रहता है। इसका प्रयोग आवेश के संचय में किया जाता है।

वैद्युत अपघटन

कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं कि जब उनमें वैद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वे अपघटित हो जाते हैं। इन्हें वैद्युत अपघट्य (electrolyte) कहते हैं। उदाहरण- अम्लीय जल, नमक का जल इत्यादि।

फैराडे के वैद्युत अपघटन सम्बंधी नियम

प्रथम नियम- वैद्युत अपघटन की क्रिया में किसी इलेक्ट्रोड पर मुक्त हुए पदार्थ की मात्रा, सम्पूर्ण प्रवाहित आवेश के अनुक्रमानुपाती होती है। यदि i एम्पियर की धारा t समय तक प्रवाहित करने पर मुक्त हुए पदार्थ का द्रव्यमान m हो तो,
m= Zit (जर्हाँ Z एक नियतांक है, जिसे मुक्त हुए तत्व का वैद्युत रासायनिक तुल्यांक कहते हैं। 
दूसरा नियम- यदि विभिन्न वैद्युत अपघट्यों में समान धारा, समान समय तक प्रवाहित की जाए तो मुक्त हुए तत्वों के द्रव्यमान उनके रासायनिक तुल्यांकों के अनुक्रमानुपाती होते हैं। यदि मुक्त हुए तत्वों के द्रव्यमान m1 व m2 तथा उनके रासायनिक तुल्यांक W1 व W2 हों तो

फैराडे संख्या

फैराडे संख्या आवेश की वह मात्रा है जो किसी तत्व के एक किग्रा. तुल्यांक को वैद्युत अपघटन द्वारा मुक्त करती है। इसका मान 9.65&107 कूलाम प्रति किग्रा. तुल्यांक होता है।

प्रतिरोध

जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो चालक में गतिशील इलेक्ट्रॉन अपने मार्ग में आने वाले परमाणुओं से निरंतर टकराते हैं। इस व्यवधान को ही चालक का प्रतिरोध करते हैं। इसका मात्रक 'ओम' होता है। 

ओम का नियम

यदि किसी चालक की भौतिक अवस्था (ताप इत्यादि) में कोई परिवर्तन न हो तो चालक के सिरों पर लगाया गया विभवांतर उसमें प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती होता है। 
v =IR (जहाँ v = वोल्ट, i = प्रवाहित धारा व R = चालक का प्रतिरोध)

प्रतिरोधों का संयोजन

सामान्यतया प्रतिरोध को परिपथ में दो प्रकार से संयोजित किया जा सकता है-
श्रेणी क्रम (Series Combination) - इस क्रम में जोड़े गए प्रतिरोधों में सामान धारा प्रवाहित होती है तथा भिन्न-भिन्न प्रतिरोधों के बीच भिन्न-भिन्न विभवांतर होता है। बिंदुओं A व B के बीच तुल्य प्रतिरोध (Resultant resistance) की गणना निम्न सूत्र से की जाती है। 
R = r1 + R2 + R3 + - - 
समान्तर क्रम (Parallel resistence)- इस प्रकार के संयोजन में सभी प्रतिरोधों के बीच विभवांतर तो समान रहता है, लेकिन धारा की मात्रा भिन्न-भिन्न प्रतिरोधों में भिन्न-भिन्न रहती है। यदि A व B के बीच तुल्य प्रतिरोध R है तो

स्थिर विद्युत

जब कोई पदार्थ रगडऩे पर सिर्फ थोड़े समय के लिए आवेशित स्वभाव दिखाता है, लगातार नहीं तो इस घटना को विद्युत आवेशन कहा जाता है। जैसे कंघी, गुब्बारे, नाइलॉन कपड़े आदि। निरंतरता न होने से इसे स्थिर विद्युत आवेश कहा गया।

अतिचालकता


कुछ पदार्थ अत्यन्त कम ताप पर पूर्णतः शून्य प्रतिरोधकता प्रदर्शित करते हैं। उनके इस गुण को अतिचालकता (superconductivity) कहते हैं। शून्य प्रतिरोधकता के अलावा अतिचालकता की दशा में पदार्थ के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र भी शून्य हो जाता है जिसे मेसनर प्रभाव (Meissner effect) के नाम से जाना जाता है।


Q_1. जब कांच की छड़ को रेशम से रगड़ा जाता है तो छड-
[A] ऋनावेशित हो जाती है
[B] धनावेशित हो जाती है
[C] उदासीन रहती है
[D] पहले ऋणावेशित होती है फिर धनावेशित

Q_2. किसी आवेशित चालक का सम्पुर्ण आवेश उसके-
[A] आंतरिक पृष्ठ पर रहता है
[B] बाहरी पृष्ठ पर
[C] कुछ आन्तरिक व कुछ बाहरी पृष्ठ पर रहता है
[D] सभी सत्य है

Q_3. दो विद्युत् आवेशों के बीच लगने वाले बल से सम्बन्धित है
[A] एम्पीयर का नियम
[B] कुलॉम का नियम
[C] फैराडे का नियम
[D] ओम का नियम

Q_4. यदि दो विद्युत् आवेशों के मध्य दूरी को आधा कर दिया जाये तो उनके मध्य विद्युत् बल का मान हो जायेगा
[A] आधा
[B] दूना
[C] चौगुना
[D] एक चौथाई

Q_5. समान आवेशों में होता है
[A] आकर्षण
[B] आसंजन
[C] विकर्षण
[D] संसंजन

Q_6. जब एबोनाइट की छड़ी को बिल्ली की खाल से रगड़ते है तो एबोनाईट की छड़ी-
[A] ऋणावेशित हो जाती है
[B] धनावेशित हो जाती है
[C] उदासीन रहती है
[D] पहले ऋणावेशित होती है फिर धनावेशित

Q_7. वस्तुओं का आवेशन किसके स्थानान्तरण के फलस्वरूप होता है
[A] इलेक्टॉन
[B] पोजिटॉन
[C] प्रोट्रोंन
[D] न्यूटॉन

Q_8. आप कार में जा यदि आसमान से बिजली गिरने वाली हो तो सुरक्षित रहने के लिए-
[A] कार की खिड़कियाँ बंद कर लेंगे
[B] कार की खिड़कियाँ खोल देंगे
[C] कार से उतर कर नीचे बैठ जायेंगे
[D] कार के उपर बैठ जायेंगे

Q_9. दो स्थिर आवेशों के बीच लगने वाला बल उनकी मात्राओं के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनकी बीच की दूरी के वर्ग केव्युत्क्रमानुपाती होता है' यह नियम है-
[A] ओम का नियम
[B] किरचाफ का नियम
[C] कुलॉम का नियम
[D] फैराडे का नियम

Q_10. किसी विद्युत् परिपथ में इकाई धन आवेश को एक बिंदु से दुसरे बिंदु तक ले जाने में किये गए कार्य द्वारा मापा जाता है उन बिन्दुओं के बीच के-
[A] प्रतिरोध को
[B] विभवान्तर को
[C] धारा को
[D] विद्युत् धारा की प्रबलता को

सबसे पहले तो इसे अपने दोस्तों को शेयर करे ताकि उनकी भी तयारी अच्छी हो सके, ऐसी ही और physics question in hindi में पाने के लिए साइड में बने bell को￰ प्रेस करे धन्यवाद ,

Previous
Next Post »